धम्म-परिचय की अदृश्य यात्रा

मंत्र जैसे धुएं के समान अनगिनत रूप से विस्तारित हो जाती हैं। उनका रास्ता हमेशा देखने को मिलता नहीं है, परंतु उनकी प्रबलता अदृश्य ही स्पष्ट होती है। प्रत्येक अनुपस्थित शब्द, एक अनोखी यात्रा करता है, जो अंततः एक निर्दिष्ट उद्देश्य तक पहुँचता है।

यह यात्रा अनेक प्रसंगों से गुजरती है - कभी-कभी शांत और संयमित, कभी-कभी प्रेरित । धारणा की यह यात्रा, आत्मा के लिए एक अनवरत अनुभव होती है।

मौन आशाओं का संगीत

यह संगीत है, जो थीक होकर भी मन को छू लेता है। यह एक संगीत है जो हमेशा चुप्पी में ही अपनी आवाज बयां करता है। यह इच्छाओं का शब्द रूप है, जो कुछ से सुनाई देता है। यह वह संगीत है जो वास्तविकता की खोज में हमको साथ देता है।

प्राणी जिन्हें शब्द नहीं कहते, पर महसूस होता है

कुछ जीवन हैं जो भाषा समझते नहीं हैं, लेकिन उनका मन हमेशा ही महसूस है। वे हमें अपने दुःख को बिना किसी अहंकार के व्यक्त हैं। उनकी नज़रें हमारी मन तक पहुँचती है और हमें उनसे एकता महसूस कराती है।

अनकही इच्छाओं का सागर

यह एक विशाल सागर है जहाँ लाखों इच्छाएं तैरती हैं। यह सागर भूरा है और उसमें प्रकाश भी दिखाई देती हैं। प्रत्येक इच्छा एक छोटी सी नाव है जो यह सागर में तेज गति से तैर रही है। कभी-कभी ये जहाज आपस में मिल जाते हैं और एक सुंदर कहानी बनाते हैं। परन्तु कई बार, ये इच्छाएं अकेले ही तैरती रहती हैं, अपने सपनों की click here ओर बढ़ती हैं।

एक ध्वनिहीन भक्ती की कथा

यहाँ एक समर्पित लड़का का कहानी है जो सच्चा {भक्त{ था। उसकी भावनाएँ इतनी गहरी थीं कि वह हर पल की {प्रार्थना में व्यस्त{ रहा।

उसका मानसिक यात्रा एक अलग {रस्ता{ था। वह महसूस करता था कि वास्तविक की है केवल आत्मा में नहीं, बल्कि उसकी {व्यक्तित्व{ में भी। वह {ध्यान{ के माध्यम से अन्वेषण करना चाहता था।

उसका {साधारण{ जीवन एक मंत्रमुग्ध कर देने वाला {यात्रा{ बन गया, क्योंकि वह समृद्धि का अनुभव करता था।

आत्मा की गूंज: बेझुबाँ नादां की प्रार्थना

एक अथाह प्रलय में डूबी हुई है प्रेम, बेझुबाँ नादां की प्रार्थना. जीवन का अस्तित्व, दुःख में भी दीपक की तरह जगमगाता है. धुनों की एक वृंदा में डूब जाती है,

अस्तित्व, और फिर निरंतर रूप से प्रेम का सन्देश देता है. हर भावना में, एक अनमोल ज्ञान छिपा होता है. वैश्विक के सामने झुकने के बजाय, स्थायी रूप से आत्मा का मार्ग चुनें।

1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15

Comments on “ धम्म-परिचय की अदृश्य यात्रा”

Leave a Reply

Gravatar